JDU नेता के पियक्कड़ सम्मेलन के बाद RJD नेता का गंजेड़ी सम्मेलन राग

बिहार में इन दिनों शराब को लेकर गजब की राजनीति छिड़ी हुई है. सत्ता में साझीदार भाजपा और जदयू एक दूसरे के पीछे हाथ धोकर पड़ गए हैं तो उधर जेडीयू के बहादुर पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह कह रहे हैं कि वो सीवान के गांधी मैदान में पियक्कड़ सम्मेलन कराएंगे….

अब श्याम बहादुर सिंह के बयान को हाथों हाथ लेते हुए आरजेडी दलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष और दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार साधु भी इस जंग में कूद गए हैं.

अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए अनिल कुमार साधु ने पूछा है कि जेडीयू के पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह पियक्कड़ सम्मेलन कराएंगे तो गंजेड़ी सम्मेलन कौन कराएगा ! इसके साथ ही अनिल कुमार साधु ने लिखा है कि चिलम छाप बम बम…

जब से बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुआ है, उस दिन से गांजा, गंजेड़ी और चिलम को लेकर एक नई कहानी शुरु हो गई है. पता नहीं कहां से यह बात सामने आ गई है कि सीएम नीतीश कुमार स्वयं गांजा पीते हैं ! आरजेडी के एक विधायक राजवंशी महतो ने तो मीडिया के सामने आकर कह दिया था कि सीएम नीतीश कुमार गांजा पीते हैं !

अब नीतीश कुमार गांजा पीते हैं कि नहीं पीते हैं… ये किसी को नहीं पता लेकिन अफवाह जोरों पर है. ये ठीक वैसी ही अफवाह हो सकती है जैसे देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को खैनी खाने वाला बताया जाता है.

हम बात आरजेडी नेता अनिल कुमार साधु की कर रहे हैं. अनिल साधु ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए गंजेड़ी सम्मेलन की बात कह कर आखिर किस पर निशाना साधा है ! आखिर अनिल साधु किसे गंजेड़ी बताना चाह रहे हैं ! उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया है लेकिन समझने वाले समझ रहे हैं, जो ना समझे,वो अनाड़ी है ! अनिल साधु रह रह कर शराबबंदी कानून के खिलाफ मोरचा खोलते रहते हैं.

अनिल कुमार साधु ने शराबबंदी कानूनी पर हमला बोलते हुए इसके पहले कहा था कि शराबबंदी कानून के चक्कर में नीतीश कुमार ने एक पूरी पीढ़ी को बर्बाद कर दिया है. अनिल साधु शराबबंदी कानून को नीतीश कुमार की सनक बताते हैं.

शराबबंदी कानून पर अनिल साधु ने एक बड़ा खुलासा भी किया था और कहा था कि जब से बिहार में शराब बंद हुआ है, बिहार के लोग नशे के नए नए साधनों की गिरफ्त में पहुंच चुके है. युवा पीढ़ी कॉरेक्स सीरप पीकर अपनी जिंदगी तबाह कर रही है तो कोई आयोडेक्स चाट रहा है.कहीं कोई सुलोशन पी रहा है तो कहीं हेरोईन, ब्राउन सुगर और चरस पी रहा है… ये सभी नशे शराब से भी ज्यादा खतरनाक और घातक हैं !

शराबबंदी कानून के पक्ष में आप हो या न हो… ये बहस और चर्चा का विषय है लेकिन नशे के नए साधनों को लेकर उन्होंने जो सवाल उठाया है, वो वाजिब है. जिस प्रकार से शराब को रोकने को लेकर शासन और प्रशासन मुस्तैद दिखता है या दिखने की कोशिश करता है, वैसे ही हर तरह की नशाखोरी को लेकर व्यापक अभियान छेड़ने की जरुरत है अन्यथा अगर बाकी के जहरीले नशे बिकते रहेंगे और शराबबंदी यूंही चलता रहेगा तो यह सिर्फ दिखावे की वस्तु बन कर रह जाएगा.

फिलहाल देखते हैं कि कब बिहार में पियक्कड़ सम्मेलन होता है और कब गंजेड़ी सम्मेलन….

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