अब JDU भी एक्शन के मूड में, बहुत बयानबाजी हो गई, अब होगी कार्रवाई

पिछले 16 सालों से बिहार की सत्ता में जनता दल यूनाइटेड काबिज हैं. इनमें से लगभग ढाई साल का समय छोड़ दें तो पूरे समय से भाजपा और जदयू का गठबंधन मिलकर सरकार चला रहा है. इन दिनों यह पार्टी मुश्किलों के दौर से गुजर रही है. जदयू को पिछले काफी समय से विरोधियों से ज्यादा अपनों से चुनौती मिल रही है.

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विगत विधानसभा चुनाव में सहयोगी चिराग पासवान और लोक जनशक्ति पार्टी ने जदयू को ऐसा धूल चटाया कि सत्ताधारी पार्टी तीसरे नंबर पर चली गई. आज जदयू बिहार विधानसभा में महज 43 विधायकों वाली पार्टी बन गई है. आरजेडी के पास 75 और बीजेपी के पास 74 विधायक हैं.

इसके बाद फिर बारी आई बीजेपी की. विधानसभा चुनाव बीते हुए एक साल ही हुए कि बीजेपी को इस बात का एहसास होने लगा कि हमारी ताकत पर नीतीश कुमार सत्ता का सुख भोग रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल से लेकर सांसद छेदी पासवान तक नीतीश कुमार पर तीखे हमले बोलने लगें. जिस तरह से सहयोगी दलों की ओर से नीतीश कुमारके खिलाफ बयान आ रहे हैं, उससे चारों तरफ नीतीश कुमार की छीछालेदार हो रही है.

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इन दिनों जदयू आपसी कलह और गुटबाजी में भी फंस गया है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा है कि प्रकोष्ठों के गठन के बाद कुछ लोग पार्टी के खिलाफ भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं. जिनकी आस्था नीतीश कुमार में हैं, वो ऐसा काम नहीं कर सकते हैं. जो लोग संगठन की गरिमा के खिलाफ काम करेंगे, वैसे लोगों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जाएगी.

जेडीयू अब वैसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करने जा रही है जिनके बयानों और गतिविधियों से पार्टी की छवि को नुकसान हो रहा है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि क्षणिक स्वार्थ के लिए अपने संस्कारों की पूंजी को लुटाना अच्छी बात नहीं है. इस वजह से लोग दल का और अपना दोनों का नुकसान कर रहे हैं. जो नेता या कार्यकर्ता विषम परिस्थितियों में भी दल के प्रति समर्पित रहे हैं, पार्टी उनका पूरा ध्यान रखेगी.

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