एक बार फिर तेजस्वी यादव ने कांग्रेस पार्टी पर साधा निशाना और वामदलों को दिया दिलासा।
तेजस्वी यादव ने कांग्रेस पार्टी पर साधा निशाना और इसके साथ ही वामदलों को दिया विधान परिषद में भेजने का फार्मूला। बिहार में विधान परिषद की सात सीटों के लिए नामांकन गुरुवार से शुरू हो चुका है। खबरों के मुताबिक राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से सोमवार को घोषित तीन उम्मीदवार मुन्नी देवी, मोहम्मद कारी सोहेब और अशोक कुमार पांडेय नामांकन पत्र दाखिल करेंगे और इस बात की जानकारी स्वयं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दी।
इसके साथ ही उन्होंने राजद और कांग्रेस के बिगड़ते संबंध को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। तेजस्वी यादव ने इशारों में ही बिहार में कांग्रेस पार्टी की मौजूदा हालात बता दी। तेजस्वी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने दूर होने का फैसला खुद किया है। अब किसी का हाथ पकड़कर तो साथ नहीं रखा जा सकता। वहीं वामदलों की नाराजगी पर उन्होंने विधान परिषद में उनकी हिस्सेदारी का सटीक फार्मूला बताया जिससे वामदलों कि नाराजगी कम हो सके।
आपको बता दें कि बीते रविवार को महागठबंधन प्रतिनिधि सम्मेलन से दूरी और विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवार उतारने की बात कह कांग्रेस पार्टी ने यह साफ कह दिया है कि वो राजद से अब दूरी बनाने को तैयार है। हालांकि वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता पार्टी के लिए राहत की बात यह है कि वामदलों ने एक बार फिर से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर भरोसा जताया है।
तेजस्वी ने कहा है राजद की तरफ से घोषित उम्मीदवारों के नामांकन में वामदलों के नेता मौजूद रहेंगे तथा उनके नाराजगी को भी दूर कर दी गई है। इसके साथ ही वामदलों को विधान परिषद में कैसे जगह दी जाएगी इसका भी फार्मूला तैयार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हमसे से जो गलती हुई है उसमें सुधार की जाएंगी। इसके साथ ही कहा कि अगले एमएलसी चुनाव में एक सीट सीपीआइ का होगा, उसी तरह से वामदलों को विधान परिषद में भागीदारी दी जाएगी।
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इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी पर भी तंज कसते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने खुद दूर होने का फैसला किया है। किसी ने दूर नहीं किया है। हालांकि केन्द्र में अब भी हमारा समर्थन तो कांग्रेस पार्टी को ही है। बिहार में हो सकता है कांग्रेस खुद की ताकत बढ़ाने में लगी हो। उन्होंने कहा कि हमने कभी कांग्रेस को महागठबंधन से अलग करने की बात ही नहीं की। तारापुर और कुशेश्वस्थान उपचुनाव में कांग्रेस लड़ चुकी है।
बिहार विधान परिषद के लिए नामांकन की प्रक्रिया आगामी नौ जून तक चलेगी। इसके साथ ही नामांकन पत्रों की जांच 10 जून को होगी। वहीं नाम वापसी की अंतिम तिथि 13 जून निर्धारित की गयी है। सातों सीटों के लिए वोटिंग 20 जून को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगी। काउंटिंग 20 जून को ही शाम पांच बजे से होगी।