काम खत्म है अब सन ऑफ मल्लाह का, मंत्री कौन कहे एमएलसी भी नहीं रह पाएंगे…

पिछले विधानसभा चुनाव का वह मंजर आपको याद होगा जब वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने महागठबंधन के प्रेस कॉन्फ्रेंस में हंगामा मचा दिया था और आरजेडी पर पीठ में खंजर भोंकने का आरोप लगा दिया था.

उस ड्रामे के बाद सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी एनडीए में चले गए. गिनती के लिए कुछ सीटें उन्हें थमा दी गई. सिंबल वीआईपी के थें लेकिन उम्मीदवार बीजेपी के. सहनी खुद भी चुनाव लड़ें लेकिन हार गए. इसके बावजूद सरकार बनने पर उन्हें मंत्री बना दिया गया.

बीजेपी ने सहनी की लगाम को अपने हाथों में रखने के लिए डेढ़ साल के बचे हुए कार्यकाल की एक सीट पर एमएलसी बना दिया. विपक्ष ने इसे छोटा रिचार्ज कहकर इसका मजाक भी उड़ाया. मुकेश सहनी का यह छोटा रिचार्ज समाप्त होने वाला है.

उधर सहनी यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने पहुंच गए तो इधर उनकी पार्टी के चार में से एक विधायक मुसाफिर पासवान का निधन हो गया. अब बीजेपी उपचुनाव में सहनी को यह सीट देने से साफ मना कर रही है. संभवतः बीजेपी यहां से पूर्व विधायक बेबी कुमारी को चुनाव लड़ाएगी.

उधर मुकेश सहनी के पार्टी के विधायक उनके कहने में नहीं हैं. उन सभी का जुड़ाव बीजेपी से है. मुकेश सहनी इन दिनों नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को छोटा भाई बता रहे हैं और आरजेडी की विचारधारा की तारीफ कर रहे हैं.

यह तय है कि सहनी का कोई भी विधायक उनके साथ किसी दूसरे पाले में नहीं जाएगा. सहनी को बीजेपी जोर का झटका दे सकती है. ऐसा ही चलता रहा तो सहनी आने वाले दिनों में मंत्री तो क्या, विधान परिषद के सदस्य भी नहीं रह पाएंगे. वैसे भी उनके हाथों में अब कुछ बचा नहीं है.

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