RJD ने जिनका जिनका टिकट काटा, वो निर्दलीय लड़ कर जीत गए
बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के लिए लगभग गिनती पूरी हो चुकी है. एक दिलचस्प बात इस चुनाव में देखने को यह मिली कि जिन जिन लोगों का टिकट आरजेडी ने काट दिया, वह निर्दलीय चुनाव जीतने में सफल होते हुए दिखाई दे रहे हैं. जाहिर तौर पर यह आरजेडी के लिए मंथन का विषय है. आरजेडी को इस बात पर सोचना होगा कि आखिर कौन उन्हें इस तरह से सलाह दे रहा है, जिससे पार्टी की हालत ऐसी होती जा रही है.
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम पूर्वी चंपारण सीट से जीते महेश्वर प्रसाद सिंह का है. महेश्वर प्रसाद सिंह आरजेडी में थें. उन्हें तेजस्वी यादव ने चुनाव की तैयारी करने का निर्देश दिया था लेकिन अंत समय में न जाने किसकी सलाह पर आरजेडी ने इनका टिकट काट दिया, फिर ये कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार के तौर पर मैदान में आ गए. पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी और वीआईपी ने भी इन्हें अपना समर्थन दे दिया. महेश्वर प्रसाद सिंह चुनाव जीत गए और इस सीट पर आरजेडी के उम्मीदवार बबलू देव दूसरे नंबर पर रह गए.
बात करें नवादा सीट की तो यहां से आरजेडी के कद्दावर नेता राजबल्लभ यादव के भतीजे अशोक यादव चुनाव लड़ना चाहते थें लेकिन तेजस्वी यादव ने यहां से अवधेश कुशवाहा को उम्मीदवार बना दिया. नतीजा यह हुआ कि अशोक यादव निर्दलीय चुनाव जीत गए और आरजेडी उम्मीदवार तीसरे नंबर पर चले गए.
ऐसा ही कुछ हाल मधुबनी सीट का भी हुआ तो यहां पर आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव अपनी बेटी अंबिका गुलाब यादव के लिए यह सीट चाहते थें लेकिन आरजेडी ने इस सीट से मेराज आलम को उम्मीदवार बना दिया. आरजेडी ने अंबिका यादव को पार्टी से बाहर का भी रास्ता दिखा दिया लेकिन अब नतीजा यह हुआ है कि आरजेडी के उम्मीदवार मेराज आलम लड़ाई से भी बाहर हैं और अंबिका गुलाब यादव चुनाव जीतती हुई नजर आ रही हैं.
Simranjeet Singh