RJD नेता के घर बार बार क्यों जा रहें चिराग, कौन सी राजनीतिक खिचड़ी पक रही है….
लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रमुख और सांसद चिराग पासवान इन दिनों अपने बहनोई और आरजेडी एससी एसटी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार साधु के काफी करीब होते जा रहे हैं. पिछले काफी समय से दोनों के बीच खटास की खबरें सुर्खियां में थीं लेकिन जैसे ही लोजपा में दो फाड़ हुआ, अनिल साधु ने बड़ा दिल दिखाते हुए चिराग के समर्थन में मजबूती से स्टैंड ले लिया. बदले में चिराग ने भी अपनी बहन बहनोई के साथ रिश्तों को मधुर कर लिया.
शुक्रवार की रात चिराग पासवान अपनी मां रीना पासवान और बहन के साथ अनिल कुमार साधु और अपनी बहन आशा पासवान के घर पहुंचें. पूरे परिवार ने लंबे अरसे के बाद लंबा वक्त साथ गुजारा. काफी समय के बाद पासवान परिवार में ये नजारा देखने को मिला. अभी कुछ दिन पहले चिराग पासवान अपनी बहन आशा पासवान के घर अकेले होकर आए थें. पार्टी में फूट के बाद चिराग ने अपनी यात्रा की शुरुआत अपनी बहन आशा पासवान के हाथ से दही खाकर की थी.
ऐसे में सियासी अटकलबाजियों का दौर शुरु हो चुका है. क्या अनिल कुमार साधु की घर वापसी होने जा रही है ! क्या अनिल साधु आरजेडी छोड़कर चिराग पासवान के साथ जाएंगे ! ऐसे कई सवाल हैं जो बिहार के सियासी गलियारों में घूम रहे हैं क्योंकि अनिल साधु के पूरे बिहार में अपने समर्थक हैं. हर जिले में उनके सैकड़ों कार्यकर्ता अपने हैं. ऐसे में अनिल साधु के आरजेडी छोड़ने का पार्टी पर क्या असर पड़ेगा.
बिहार में 2019 का लोकसभा चुनाव गुजरा, 2020 का विधानसभा चुनाव भी गुजरा. इस दौरान आरजेडी ने कई राज्यसभा सांसद और एमएलसी भी बनाएं लेकिन अनिल कुमार साधु का नंबर नहीं आया. ऐसे में अनिल कुमार साधु की नाराजगी की खबरें भी आती रहती है.
प्रेस जागरण की टीम ने जब इस बारे में अनिल कुमार साधु से पूछा तो उन्होंने कुछ भी सीधा जवाब नहीं दिया. साधु ने कहा कि नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है. चिराग और तेजस्वी दोनों मेरे छोटे भाई जैसे हैं. मैं तो चाहता हूं कि दोनों भाई साथ आएं. देश और प्रदेश में व्याप्त चुनौतियों का मिलकर मुकाबला करें.
अनिल कुमार साधु ने यह भी कहा कि पारिवारिक रिश्ते अपनी जगह है और राजनीति अपनी जगह. चिराग पासवान अपनी बहन और भांजे भांजियों से मिलने आए थें. ये पूरी तरह से पारिवारिक कार्यक्रम था. इसके कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए.
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