जानिए कैसी है सिद्धू मूसेवाला के कातिल लॉरेंस बिश्नोई की जुर्म की दुनिया…
Desk: सिद्धू मूसेवाला की हत्या में जिस गैंगस्टर का नाम सामने आया है वह है लॉरेंस बिश्नोई. लेकिन जब से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आया है, उसके बारे में हर कोई सबकुछ जानना चाहता है. लोग यह जानना चाहते है कि कहां से उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा, कैसे उसने पूरे देश और विदेशों में भी आतंक बनाया? कैसे उसकी एक पूरी गैंगस्टर्स की टोली तैयार हुई? इन सभी सवालों के जवाब लॉरेंस की जुर्म की दुनिया में ही छिपी हुई हैं. पिछले कई सालों से उसने जिस अंदाज में काम किया है, उसका एक ऐसा पैटर्न सैट हुआ है जिससे उसके बारे में काफी कुछ समझा जा सकता है.
जानें कैसी है लॉरेंस की जुर्म की दुनिया?
आप यह जानकर हैरान होंगें क़ि लॉरेंस की इस क्राइम कंपनी में सब कुछ डिजिटल है. ये एक वर्चुअल संसार जैसा दिखता है. बता दें, इस गैंग से जुड़े करीब 1000 लोग, जिसमें शार्प शूटर्स, बदमाश, केरीयर, सप्लायर, रैकी पर्सन, लॉजिस्टिक स्पोट बॉय, शेल्टर मेन सोशल मीडिया विग के सदस्य शामिल हैं. इस गैंग के टारगेट वर्चुअल नंबरों से ऑडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए तय किए जाते हैं. लारेंस इस कंपनी में मास्टर ब्रेन है तो गोल्डी बरार कंपनी की बरार कंपनी की रीढ़ की हड्डी है. लारेंस का ममेरा भाई सचिन बिश्नोई कंपनी का भर्ती सेल और टारगेट प्लान का प्रमुख है जबकि ऑस्ट्रीया से अनमोल और कनाडा से विक्रम बराड़ कंपनी की फाइनेंस डील को संभालते हैं.
क्या है इनके काम करने का तरीका और रणनीति?
इस क्राइम कंपनी में हर टारगेट से जुड़ा शख्स केवल अपने आगे वाले एक शख्स को जानता है. इसके अलावा एक ऑपरेशन में जितने भी बंदे गैंग से जुड़े होते हैं, उन्हें बाकी गैंग मेम्बर के बारे में कोई भी जानकारी नही रहती. बकायदा यह एक फुलप्रूफ़ प्लानिंग के मुताबिक गैंग के सदस्यों को अलग-अलग काम सौंपे जाते हैं. यानी रेकी कौन करेगा, पनाह कौन देगा? गाड़ियां कौन सप्लाई करेगा? हथियार कौन मुहैया कराएगा? क़त्ल के बाद किस तरफ से किधर भागना है, और सबसे बड़ा सवाल कि फंडिंग कैसे होगी, इसे भी क्राइम मास्टर ही तय करते हैं. यहाँ तक की किलिंग के वक्त मौजूद गैंग मेम्बर भी अक्सर एक दूसरे को नहीं जानते ताकि पकड़े जाने पर गैंग के बाक़ी सदस्यों पर कोई आंच ना आ सके.
इस पूरी साज़िश का का काम एक सिंग्नल एप्प के जरिये होता है जहां बिना सिम के वर्चुअल नंबरों, इंटनरेट के नंबरों से कंपनी की सारी डील्स, सारे प्लान, पूरा ऑपरेशन और टारगेट को फिक्स किया जाता है. क्राइम मीटिंग में केवल निर्देश अधिकतर गैंगस्टर सचिन देता है जिसे आगे गैंग मेंबर फॉलो करते हैं और अपना हिस्सा लेते हैं औऱ फिर अगले काम मे जुट जाते हैं. लारेंस के गैंग में 1000 के करीब गैंगस्टर बदमाश औऱ सक्रिय शॉर्प शूटर्स शामिल है जो देश विदेश में मौजूद हैं.