यशवंत सिन्हा को विपक्ष के उम्मीदवार घोषित होते ही बेटे ने क्यों लगाई गुहार…
राष्ट्रपति चुनाव के लिए यशवंत सिन्हा को विपक्षी के तरफ से उम्मीदवार बनाया गया तो उनके बेटे और भाजपा सांसद जयंत सिन्हा को लेकर लोगों ने कई तरह के सवाल उठाने शुरू कर दिए,
हालांकि इसी बीच अपने ट्विटर हैंडल से जंयत सिन्हा ने लोगों को जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष ने मेरे आदरणीय पिता यशवंत सिन्हा जी को राष्ट्रपति प्रत्याशी घोषित किया गया है इसलिए मेरा निवेदन है कि आप सभी इसे पारिवारिक मुद्दा ना बनाएं,आगे उन्होंने लिखा मैं बीजेपी का कार्यकर्ता और सांसद हूं और मैं अपने संवैधानिक दायित्व को पूरी तरह निभाउंगा।
आपको याद दिला दें यशवंत सिन्हा पहले बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार होते रहे हैं। अटल-आडवाणी युग में वो सेंट्रल टीम के अहम लोगों में से एक थे। अटल बिहारी वाजपेयी उनकी प्रशासनिक क्षमता के कायल थे। वहीं आडवाणी भी उन्हें काफी पसंद करते थे। लेकिन नरेंद्र मोदी के समय में यशवंत सिन्हा को बीजेपी की ओर से कुछ खास दर्जा नहीं मिला।
दूसरे वरिष्ठ नेताओं की तरह उन्हें भी हाशिए पर ला दिया गया। पहले टिकट से इन्कार हुआ फिर पार्टी की अहम बैठकों से वो नदारद रहने लगे। इतना ही नहीं उन्होंने मोदी और शाह के खिलाफ जाकर तीखी बातें भी कहीं। एक समय ऐसा आया जब शत्रुघ्न सिन्हा के साथ उन्हें भी बीजेपी के बागी के तौर पर देखा जाता रहा है।
हालांकि बाद में दोनों ममता बनर्जी का हाथ थामा जिसके बाद यशवंत को राज्सभा भेजा तो वहीं शत्रुघ्न सिन्हा को लोकसभा चुनाव जितवाया। लेकिन यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत को उनकी बगावत का अच्छा खासा दाम चुकाना पड़ गया था।
नरेंद्र मोदी की जब दूसरी बार सरकार बनी तो उनको मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। फिलहाल भी वो किसी अहम भूमिका में नहीं हैं। वही कुछ राजनीतिक दलों का यह मानना है कि यशवंत सिन्हा का बड़बोलापन जयंत यानी कि उनके बेटे पर भारी पड़ गया।
फिलहाल जयंत अभी दो पाटों के बीच फंसे हैं। एक तरफ बीजेपी है जिसने उन्हें दो बार सांसद बनाया तो मोदी के पिछले कार्यकाल में भी वो मंत्री रहे। राज्य मंत्री के तौर पर वित्त और सिविल एविएशन जैसे अहम महकमे उन्हें संभालने को दिए गए। दूसरी तरफ पिता हैं, जिन्हें विपक्ष ने राष्ट्रपति का उम्मीदवार बना मैदान में उतार दिया है। उनके लिए दुविधा की स्थिति है। लेकिन जयंत सिन्हा ने अपना रुख बिलकुल साफ कर दिया।
वही सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों ने जयंत को तगड़ी नसीहत दी। आदित्य वर्मा ने लिखा कि ये पारिवारिक ड्रामा यहां न करें। क्या हम नहीं जानते की आप अपने पिता का इज्जत करते ही नहीं है तो जनता का क्या करेंगे। आप एक निकम्मे सांसद और बेटे है.
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