बर्बाद हुआ बिहार,टाइम पास कर रहें नीतीश कुमार।

बिहार के ऐसे किसी एक एग्जाम का नाम बताएं, जो बिना पेपर लीक हुए कन्डक्ट हुआ हो। इस बार तो हद हो गई, राज्य का सबसे बड़ा एग्जाम बीपीएससी का पेपर हुआ लीक,केवल पेपर ही लीक नहीं हुआ, कई जगह तो सेंटर तक बिक चुके थे।

 

आखिर कब तक बच्चे सरकार की नाकामियों को झेलेंगे, क्या गलती उन बच्चों का है, जो पूरे साल अपना जी जान लगाकर तैयारी करते हैं और जब एग्जाम सेंटर पहुंचते हैं, तो पता चलता है, पेपर तो पहले ही लीक हो चुका है।

हम बात बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा की कर रहे हैं, जो बीते रविवार को पेपर लीक होने की वजह से रद्द कर दिया गया।आखिर कब तक सरकार मौन धारण किए बैठी रहेगी।

 

 

आम आदमी वोट इसलिए नहीं देता ताकि सरकार उसके ही भविष्य से खेले। जिन बच्चों के भविष्य को तुम बर्बाद कर रहे हो ना मत भूलो इसी जनता ने तुम्हें उस कुर्सी तक पहुंचाया है और उसी कुर्सी पर बैठकर तुम अपने आने वाली पीढ़ियों दर पीढ़ियों के भविष्य को उज्जवल करने में लग जाते हो, वहीं आम आदमी के बच्चों के साथ चाहे कुछ भी हो रहा हो ।

आज बिहार पिछे है,इसका पूरा श्रेय कहीं ना कहीं हमारे सिस्टम को ही जाता है जहां सरकार को एजुकेशन सिस्टम से कोई मतलब ही नहीं है और ऐसा बिल्कुल नहीं है कि ये पहली बार हुआ है। इससे पहले भी पेपर लीक होना या परीक्षा के बाद कॉपियों की जांच के दौरान गड़बड़ी होना ये सारी चीजें बिहार में होना बहुत ही आम है।

 

कभी फुर्सत मिले तो सोचना जरूर जो बच्चे दूर-दूर से सफर करके परीक्षा देने इस उम्मीद में आते है कि शायद इस बार मेहनत रंग लाएगी लेकिन भ्रष्टाचार के कारण उन्हें परीक्षा देने का ही मौका नहीं मिलता। उनका ना केवल मेहनत बर्बाद होता है,बल्कि उनके बहुमूल्य समय तथा उनके माता-पिता के मेहनत से कमाए पैसों पर भी उम्मीदों का पानी फेर दिया जाता है।

जब गलती सरकार की हो तो ,उसका भरपाई बच्चे आखिर क्यों करें और कब तक करेंगे। अगर यही हाल रहा तो हमारा बिहार कभी विकसित नहीं हो पाएगा। सरकार तो आती जाती रहेंगी, लेकिन यह बदलाव पता नहीं कब आएगा।

रविवार को रद्द हुए बीपीएससी परीक्षा कि जानिए पूरी वजह…..

आठ मई की सुबह परीक्षा शुरू होने के बाद भोजपुर जिले में आरा के वीर कुंवर सिंह परीक्षा केंद्र पर उम्मीदवारों ने कथित तौर पर पेपर लीक करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।

उम्मीदवारों ने बताया कि परीक्षा केंद्र के संचालकों ने उनसे कहा कि उनका पेपर देर से शुरू होगा, जबकि परीक्षा केंद्र पर ही दो अलग कमरों में कुछ उम्मीदवारों को परीक्षा दिलाई जा रही थी। इतना ही नहीं, नाराज प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों ने दावा किया कि उन दोनों कमरों के दरवाजे बंद करके रखे गए थे। उन कमरों में मौजूद उम्मीदवारों के पास मोबाइल फोन भी थे। इनके परीक्षा देते हुए वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।

 

वहीं बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वी प्रारंभिक प्रतियोगी परीक्षा रद्द कर दी गई है। बीपीएससी जांच समिति ने पाया कि परीक्षा का सेट सी लीक हो गया था। जिसके बाद अब मामले की गहन जांच कि जाएगी ।

लेकिन ये सब में जिसका सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ है, वह है उम्मीदवार जो पूरे साल मेहनत करने के बावजूद सरकार द्वारा किए गए लापरवाही का शिकार होते हैं।

वहीं, पेपर लीक मामले को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के करोड़ों युवाओं और अभ्यर्थियों का जीवन बर्बाद करने वाले बिहार लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर अब “बिहार लोक पेपर लीक आयोग” कर देना चाहिए।

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