बिहार का वह राजनेता जिसने मुख्यमंत्री रहते राज्य को पहुंचाया पिछड़ा श्रेणी में,लेकिन रेलमंत्री बनते ही किया चमत्कार।
आज बात बिहार के उस राजनेता की करेंगे जिनके नेतृत्व में बिहार ने विकास की कमी के कारण गरीबी में डूबे भारत के सबसे पिछड़े राज्य की छवि हासिल की,वहीं जब उन्हें रेल मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया,तो उन्होंने इसे आधुनिक प्रबंधन तकनीक के चमत्कार में बदल दिया।
बात हम 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू यादव का कर रहे हैं। लालू यादव अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान बिहार को अति पिछड़ा राज्य के दर्जा से मुक्त करवाने में तो असफल रहे।
लेकिन वहीं बाद में जब उन्हें 2004 से 2009 तक केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में रेल मन्त्री का कार्यभार सौंपा गया तो, आपको बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने बिहार के लिये जितना विकास कार्य किया है, शायद ही उतना आज तक किसी भी रेलमंत्री ने बिहार के लिए किया होगा।
आज भी बिहारवासी लालू यादव को उनके रेलमंत्री रहने के दौरान किए गए कार्यो को याद करते है। लालू यादव द्वारा किए गए विकास कार्यों कि सुची कुछ इस तरह है।
छपरा में 872 करोड़ की लागत से रेल पहिया कारख़ाना लगवाया। 2025 करोड़ की लागत से सारण के मढौरा में डीजल इंजन कारख़ाना लगवाया।
मधेपुरा में 1300 करोड़ की लागत से विद्युत रेल इंजन कारख़ाना लगवाया। 9 करोड़ की लागत से सोनपुर में माल वैगन मरम्मत वर्कशॉप और 15 करोड़ की लागत से दी ईएमयू डिपो लगवाया।
समस्तीपुर में 33 करोड़ की लागत से वैगन रिपेयर वर्कशॉप लगवाया। 15 करोड़ की लागत से मधेपुरा, सीतामढ़ी और चकसिकंदर में कंक्रीट स्लीपर फैक्ट्री लगवाया।
सारण के गरखा में 40 करोड़ की लागत से वैगन पुनर्निर्माण वर्कशॉप लगवाया। 5500 करोड़ की लागत से 1000 मेगावाट बिजली उत्पादन परियोजना लगवाया।
1240 करोड़ की लागत से नयी रेल लाइन निर्माण अमान परिवर्तन दोहरीकरण सह विद्युतीकरण करवाया।
गरीब रथ पूर्णत : वातानुकूलित रेलगाड़ी चलवाया ताकि गरीब भी AC में सफर कर सके।
पहले रेलमंत्री जिन्होने लगातार हर बजट में यात्री किराया कम किया। कुली भाई को रेलवे नौकरी दिया।
जब बिहार में कोसी तटबंध टूटा था तो बिहार को 90 करोड़ रुपया बाढ़ पीड़ितो के लिए बिहार सरकार को दिया। साक्षात्कार के लिए जाने वाले युवाओं का रेल किराया मुफ्त किया।
इन्टरनेट से रेल टिकट बुकिंग प्रारम्भ करवाया। समस्तीपुर,मुजफ्फरपुर वालों को राजधानी ट्रेन की सुविधा और पटना राजधानी प्रतिदिन करवाया।
पटना में सबसे बड़ा रेलवे अस्पताल का निर्माण जो कि पटना रेलवे स्टेशन के बगल में है। रेलवे बजट के अंतर्गत पटना से छपरा तक गंगा नदी पर रेलवे व सड़क पुल बनवाने का कार्य किया, इसका कार्य निर्माणाधीन है।
गरीब कुम्हार भाइयों को रोजगार देने हेतु कुल्हड़ का प्रयोग अनिवार्य किया। गरीबों के गाँवों में लोकल गाड़ियों को रुकने के निर्देश दिए।