राहुल गांधी पर कार्रवाई तो नरेंद्र मोदी पर क्यों नहीं, चुनाव आयोग पर उठने लगेंं सवाल
वर्ष 2017 में गुजरात विधानसभा के चुनाव हो रहे थें. दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक पहले तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस दौरान एक टीवी इंटरव्यू दे दिया. चुनाव आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए राहुल गांधी का इंटरव्यू प्रसारित करने वाले न्यूज चैनल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया.
अब यही काम पीएम नरेंद्र मोदी ने किया है. यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले उन्होंने न्यूज चैनलों को इंटरव्यू दिया, जो लगातार प्रसारित हो रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग खामोश है. कहीं से कोई कार्रवाई की खबर नहीं आ रही है.
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गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी को भी चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया था और उसमें कहा गया था कि हमें ऐसी शिकायतें मिली हैं कि आपने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में आप गुजरात विधानसभा चुनाव की बात कर रहे हैं, जो अभी तक चल रहा है. जिसका दूसरा चरण 14 दिसंबर को होना है. आयोग इसे जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 126़-3 का उल्लंघन मानता है. ऐसा इंटरव्यू देकर आपने प्रथम दृष्टया आदर्श चुनाव संहिता के पैरा 1-4 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है.
अब जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लगातार प्रसारित हो रहे हैं, तब इसे चुनाव आयोग आदर्श चुनाव संहिता और जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन मानता है या नहीं,,,, ये बड़ा सवाल बन गया है. लोग इस मुद्दे पर चुनाव आयोग के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं. यह चुनाव आयोग की साख का सवाल है.
Sardar Simranjeet Singh
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