पूरे एक वर्ष के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एक साथ करेंगे मंच साझा।
महाराष्ट्र में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी की मतभेद किसी से छूपी नहीं है जब भी मौका मिलता है दोनों दल एक दूसरे का टांग खिंचने में कोई कसर नहीं छोड़ते है। चाहे बात आरोप प्रत्यारोप की हो या फिर शिवसेना द्वारा बीजेपी पर विधायकों की खरीदारी करने की हो,इस तरह के तमाम आरोपों के बावजूद भी जब मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र पहुंचे तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मुंबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और इतना ही नहीं उनके साथ मंच भी साझा किया।
यह सब के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे भी उपस्थित रहे। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मुंबई पहुंचे तो उनसे मुलाकात से ठीक थोड़ा पहले बवाल भी हुआ जिसका वज़ह उनसे मिलने के लिए पहुंचे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के बेटे और राज्य के पर्यावरण और प्रोटोकॉल मंत्री आदित्य ठाकरे थे।
दरअसल बात यह थी कि प्रधानमंत्री से मिलने वाले सभी वीआईपी लोगों की सूची में आदित्य ठाकरे का नाम शामिल ही नहीं था। जिसके कारण से प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात एसपीजी ने आदित्य ठाकरे को मिलने से रोक दिया और इसके साथ ही उन्हें सीएम उद्धव ठाकरे की कार से भी उतर जाने के लिए कहा।
जिसके बाद मुख्यमंत्री बेहद नाराज हुए और उन्होंने कहा कि आदित्य ठाकरे केवल उनके बेटे ही नहीं है बल्कि वह खुद भी एक कैबिनेट मंत्री हैं। जो आधिकारिक प्रोटोकॉल के अनुसार प्रधानमंत्री की अगवानी कर सकते हैं। जिसके बाद आदित्य ठाकरे को प्रधानमंत्री के स्वागत की इजाजत दे दी गई थी।
हालांकि जब आदित्य ठाकरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तो पीएम ने उनके कंधे पर हाथ रखकर काफी देर तक उनसे बातचीत की तथा पीएम मोदी आदित्य के साथ जिस तरह से पेश आये उसपे यह कहा जा रहा है कि आदित्य ठाकरे को रोके जाने पर उद्धव ठाकरे की नाराजगी को प्रधानमंत्री ने बड़ी ही सरलता और विनम्रता के साथ खत्म कर दिया।
दूसरी तरफ हुए इस मुलाकात के बाद एक बार फिर से अलग अलग कयास लगाए जाने लगे हैं। सवाल यह है कि क्या इस मुलाकात से भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच बढ़ी दूरियां कम होगी तथा आने वाले समय में दोनों दल साथ आएंगे।
आपके बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद भले ही अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है। परन्तु ऐसा पहली बार नहीं हुआ है बल्कि इसके पहले भी दोनों नेताओं के बीच इस तरह की मुलाकातें होती रही हैं। तकरीबन आज से लगभग एक वर्ष पहले ही दोनों की मुलाकात हुई थी उस समय भी तकरीबन आधे घंटे तक दोनों के बीच बातचीत हुई थी।