हिमाचल प्रदेश में चुनाव को लेकर आपस में भिड़ी बीजेपी और कांग्रेस……….

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर आपस में भिड़ी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस…….

अपने अपने उम्मीदवारों के दल-बदलुओं ने बढ़ाई दोनों पार्टियों की टेंशन. बता दें कि हिमाचल प्रदेश चुनाव की तैयारियों के बीच राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के दल बदल की खबरें काफी तेजी से आ रही है……

इसके साथ ही कहा ये भी जा रहा है कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही उम्मीदवारों के नामों को लेकर असमंजस का सामना कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर यह भी संभावना जताई जा रही है कि दोनों पार्टि एक-दूसरे की सूची सामने आने का इंतजार कर रही हैं. नवंबर तक हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं….

एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में है. तो वहीं कांग्रेस गद्दी हासिल करने के लिए जद्दोजहद कर रही है. ऐसे में दोनों दलों में नेताओं के दल बदल को लेकर भी डर बना हुआ है. फिलहाल, दोनों ही पार्टियां चेहरों पर अंतिम मुहर लगाने से पहले काफी सावधानी बरत रही हैं…..

हालांकि माना जा रहा है कि इसके कारण सूची जारी होने में देर भी हो सकती है. वहीं चर्चा में भी है कि भाजपा नए चेहरों को टिकट देने और सत्ता विरोधी लहर का सामना करने के लिए कुछ मंत्रियों और विधायकों को टिकट देने से इनकार करने पर विचार कर रही है…

वहीं दूसरी ओर अब विपक्ष के नेताओं का मानना है कि अगर ऐसा हुआ तो कई नेता भाजपा छोड़ सकते हैं. शुत्रो अनुसार कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, उनमें से कुछ का मतदाताओं पर अच्छा प्रभाव है. अगर भाजपा उन्हें नजरअंदाज करने का फैसला करती है, तो उन्हें साथ लाने में क्या परेशानी है?

खबर है कि कांग्रेस ने भी 68 में से 45 सीटों पर मुहर लगा दी है, लेकिन पार्टी करीब 20 सीटों पर असमंजस में है. रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस भाजपा की सूची जारी होने का इंतजार कर रही है. एक नेता ने कहा ‘जिन असंतुष्ट भाजपा नेताओं को टिकट देने से इनकार किया गया है, हम उनपर दांव लगा सकते हैं….

वहीं पार्टी सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि आलाकमान खासतौर से कांगड़ा समेत कई क्षेत्रों पर नजरें बनाए हुए हैं. कांग्रेस हाईकमान को लगता है कि यहां कुछ भाजपा नेताओं में असंतोष है, जिन्हें टिकट देने से इनकार किया जा सकता है…साथ ही कांग्रेस अन्य क्षेत्रों में भी इस नीति पर काम कर सकती है,

जहां उसके पास मजबूत नेता नहीं हैं और वह भाजपा के असंतुष्ट नेताओं पर दांव लगा सकती है. वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि, हो सकता है कि हम इन असंतुष्ट नेताओं को शामिल न करें, लेकिन उन्हें निर्दलीय के तौर पर उतारकर कांग्रेस के वोट को खासा कम किया जा सकता है…

खास बात है कि भाजपा एक और परेशानी का सामना कर रही है, जहां हाल ही में पार्टी में शामिल हुए कांग्रेस के असंतुष्ट नेता हैं. खबर है कि पार्टी में इसे लेकर तनाव है कि दल के पुराने नेताओं की कीमत पर इन्हें टिकट दिया जा सकता है…..

भाजपा के आक्रामक प्रचार के बाद कांग्रेस ने भी अब चुनावी अभियान में तेजी के संकेत दिए हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रदेश सह प्रभारी संजय दत्त कह चुके हैं कि सोलन के बाद पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्रों में भी रैलियां करेंगी….
इसके अलावा भारत जोड़ो यात्रा से कुछ समय निकालकर राहुल गांधी को भी प्रदेश में प्रचार के लिए बुलाया जाएगा..

 

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