मध्य प्रदेश में कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों से एफिडेविट लेने पर बीजेपी ने किया विरोध।

हाल ही में एक तरफ मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मेयर और पार्षद पदों के खड़े उम्मीदवारों से हलफनामा दाखिल करने के लिए बोल दिया है। हलफनामा में साफ़ तौर पर यह कहा गया है कि यदि किसी कारण वश आपको टिकट नहीं मिलता इसके बावजूद आपको पार्टी के प्रति वफादार रहना होगा।

वहीं,दुसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने इस हलफनामे को मुद्दा बनाकर प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पर निशाना साधा। लेकिन वहीं अपने बचाव पक्ष में कांग्रेस का यह कहना है कि यह किसी प्रकार से गलत नहीं है, क्योंकि जो लोग टिकट मांग रहे हैं,बस वैसे लोगों को पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए यह हलफनामा दिया है।

आपको बता दें 100 रुपये के स्टांप पेपर पर बने चार लाइन के इस एफिडेविट में हर टिकट मांगनेवाले से लिखवाया गया है,एफिडेविट में यह लिखा है कि ‘मैं शपथपूर्वक वचन देता हूं कि कांग्रेस पार्टी मेरे विधानसभा क्षेत्र में जिस किसी को भी पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी बनाएगी, मैं उसके पक्ष में पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से काम करूंगा।

मैं वचन देता हूं कि पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ न तो निर्दलीय और न ही किसी अन्य दल से चुनाव लडूंगा और न ही पार्टी विरोधी कोई भी कार्य करूंगा।’वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता इस चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के टिकट के लिए होड़ में हैं।

एक सीट पर तीन से पांच संभावित उम्मीदवार हैं। विधान सभा चुनाव की तरह संभावना है कि टिकट से वंचित व्यक्ति निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकता है। यह पार्टी के प्रदर्शन को प्रभावित करता है,केवल इसलिए वरिष्ठ नेतृत्व ने पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी संभावित उम्मीदवारों से हलफनामा मांगने का फैसला किया है।’

भोपाल के वार्ड नम्बर 62 से कांग्रेस के एक उम्मीदवार ने यह कहा है कि, ‘पार्टी के प्रति वफादारी साबित करना जरूरी है क्योंकि पिछले 2-3 वर्षों में हमने देखा है कि कैसे भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस नेताओं को लुभाया है और निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन किया है। हमने विश्वास पैदा करने के लिए यह हलफनामा पेश किया है ताकि पार्टी नेताओं के बीच टिकट को लेकर पार्टी के प्रति हमारी निष्ठा भंग नहीं होगी।’

इसके बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का भी बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि,’कई लोगों ने पार्टी से टिकट के लिए दावा किया है लेकिन मौका किसी एक को ही मिल सकता है। लेकिन ऐसे में हमारा मुख्य उद्देश्य अपनी पार्टी को बचाना है, एक व्यक्ति को नहीं। पार्टी को मजबूत करने के मक़सद से ही हमें ऐसा फैसला लेना पड़ा है। लेकिन इसके साथ ही मैं यह भी कोशिश करूंगा कि अगर किसी को लगता है कि अन्याय हुआ है, तो हम फैसले की समीक्षा कर सकते हैं।

इस पर अब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व ने कहा है कि यह केवल कांग्रेस पार्टी की घबराहट को दर्शाता है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा, ‘इससे साफ़ तौर पर यही ​​पता चलता है,कि कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में और लोगों को खोने का डर अब भी कहीं ना कहीं सता रही है।

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