राजस्थान में आखिर किसी होगी जीत और किसकी होगी हार।

जिस राजस्थान पर कांग्रेस पार्टी को सबसे ज्यादा उम्मीद है, उसी राजस्थान में कांग्रेस को पूरी तरह से ध्वस्त करने कि तैयारी करने में जुट गई है बीजेपी। भारतीय जनता पार्टी लगातार इस बात को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है कि किस तरह से राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मात दिया जाए। कांग्रेस में जिस तरह से माहौल बनी हुई है, वैसे में लगता है कि भारतीय जनता पार्टी जल्द ही अपनी कोशिशों में सफल हो सकती है।

राजस्थान की राज्यसभा सीटों के लिए, होने वाले चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी मास्टर प्लान पर काम कर रही है। बीजेपी की कोशिश है कि चार में से दो सीटों पर उसके प्रत्याशी जीत हासिल करें। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां ने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि आगामी दस जून को राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा क्षेत्रीय दलों और निर्दलीयों से उसके पक्ष में मतदान करने का आग्रह करेगी।

आपको बता दें कि डॉ पूनियां ने राज्यसभा चुनाव को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए यह बात कही।
डॉ पूनियां ने कहा कि प्राथमिकता और उपलब्ध बहुमत के आधार पर कांग्रेस के पक्ष में दो सीटें और भाजपा के पक्ष में एक सीट है और चौथी सीट पर चुनाव होने की संभावना ह।

बीजेपी अगर दो प्रत्याशी मैदान में उतारती है, तो प्रत्याशी को जीतने के लिए कम से कम 41 वोट चाहिए होंगे। कांग्रेस को कुल 123 वोटों की जरूरत पड़ेगी जबकि कांग्रेस के विधायक 108 ही हैं। शेष 13 निर्दलीय, 2 बीटीपी, 2 माकपा और 1 लोकदल के विधायक हैं।

लोकदल का एकमात्र विधायक सरकार में है, लेकिन निर्दलीयों, बीटीपी और माकपा के विधायकों को साधना जरूरी है। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के 10 विधायकों के साथ बीटीपी के दोनों विधायक और कुछ निर्दलीय विधायक भी सरकार से नाराज चल रहे हैं।

अभी हम लोगों को अंतिम निर्णय करना है, लेकिन हमारे अतिरिक्त जो वोट हैं, भाजपा उम्मीदवार को मिलें यह तो कोशिश है ही इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जो क्षेत्रीय दल एवं निर्दलीय हैं, उनसे हम आग्रह करेंगे कि ऐसी जनविरोधी कांग्रेस सरकार जिसको आपने समर्थन दिया है, यह सरकार को सबक सिखाने का सही समय है और जनता को संदेश देने का भी, जो सरकार आपकी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर रही।

आगे पूनियां ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने किसानों एवं बेरोजगारों से छलावा किया, बिजली-पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है, अपराध में राजस्थान शीर्ष पर है,

इन सबकी कारक है तो कांग्रेस पार्टी की सरकार है। ऐसे में जनहित में यही होगा कि क्षेत्रीय दल एवं निर्दलीय विधायक भाजपा को समर्थन करें। डा पूनियां ने कहा कि अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। पार्टी के आलाकमान और पार्टी का जो कोर ग्रुप है वह इसके बारे में अंतिम निर्णय करेगा। बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरु हो चुकी है लेकिन अभी दोनों ही प्रमुख दलों की तरफ से अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई हैं।


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