प्रियंका की सक्रियता BJP को बड़ी जीत और SP को बड़ी हार दिलाने वाला है !
पिछले कुछ दिनों से यूपी की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के इर्द गिर्द ही यूपी की राजनीति घूमने लगी है. मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच विपक्ष के संघर्ष की लड़ाई तेज हो चुकी है. ऐसे नजारे देख कर अंदर ही अंदर योगी आदित्यनाथ समेत संपूर्ण भाजपा में खुशी का माहौल होगा.
निश्चित तौर पर यूपी में कांग्रेस मजबूत हुई है. अब यूपी के हर चौक चौराहे पर कांग्रेस और प्रियंका गांधी की चर्चा हो रही है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव गौण होते जा रहे हैं और बसपा प्रमुख मायावती कहां छुपी हुई हैं, इसका कोई अंदाजा नहीं लग पाया है.
लखीमपुर खीरी में किसानों का नरसंहार हुआ. उस वक्त प्रियंका भी पहुंची तो देखादेखी सभी दल के नेता पहुंचने लगें और वापस घर जाने लगें लेकिन प्रियंका ने अभी तक इस मुद्दे को पकड़ रखा है. आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू जेल भेजा जा चुका है लेकिन प्रियंका गांधी अब तक मंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ी हुई हैं.
लखीमपुर खीरी से अब अखिलेश यादव अपना पिंड छुड़ा चुके हैं लेकिन प्रियंका अब तक इसे मुद्दा बनाकर आगे बढ़ रही हैं. आज प्रियंका गांधी किसानों के अंतिम अरदास के कार्यक्रम में भी शामिल होने पहुंची. वाराणसी में उनकी रैली ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं. भाजपा के लिए इससे अच्छी खबर तो कुछ हो ही नहीं सकती.
विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस जितना अच्छा करेगी, समाजवादी पार्टी उतना नीचे जाएगी, हालांकि कई सीटें ऐसी हैं जहां पर कांग्रेस भाजपा को भी नुकसान पहुंचा सकती है. कांग्रेस अपने पुराने ब्राह्मण, दलित और अल्पसंख्यक कैडरों की ओर वापस लौट रही है.
पंजाब में दलित सिक्ख सरदार चरनजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाकर कांग्रेस ने नया दांव ही चल दिया है. दलितों के बीच चन्नी का सीएम बनना चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल कांग्रेस ने पंजाब में दलित सीएम का दांव चल कर यूपी में बसपा और मायावती को कमजोर करने की कोशिश की है. मायावती कमजोर पड़ भी चुकी हैं. मायावती की निष्क्रियता कांग्रेस को दलितों के बीच घुसपैठ करने का मौका दे रही है.
मायावती के बारे में यह कयास लगाया जा रहा है कि वो चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ जा सकती हैं. त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति अगर बनती है तो मायावती की लॉटरी लग सकती है, ऐसा राजनीतिक पंडितों का मानना है.
उधर खबर यह भी आ रही है कि अब कांग्रेस अखिलेश यादव के घर में सेंधमारी की कोशिश में जुट चुकी है. कांग्रेस के नेता और कल्कि पीठ के आचार्य प्रमोद कृष्णम आज अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव की यात्रा में साथ आ गए.
मीडिया ने खबर चलाई कि कांग्रेस को आचार्य प्रमोद कृष्णम झटका दे सकते हैं लेकिन आचार्य ने तुरंत खंडन करते हुए कहा कि मैं कांग्रेसी हूं और कांग्रेसी ही रहूंगा. हम झटका कांग्रेस को नहीं बल्कि भाजपा को देने जा रहे हैं. इससे साफ साफ संकेत मिल रहे हैं कि यूपी के लिए कांग्रेस की तैयारी बहुत ज्यादा ही खास है और यह तैयारी भाजपा से ज्यादा समाजवादी पार्टी के लिए खतरनाक है.
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