बीजेपी को चुनौती देना पड़ा ममता बनर्जी पर भारी।

हाल ही में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देने की ममता बनर्जी की कोशिश नाकाम होती नजर आ रही है। आपको बता दें शरद पवार के बाद TRS और आम आदमी पार्टी भी उनकी मीटिंग्स से पीछे हट गई है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 15 जून को गैर बीजेपी दलों की बैठक का ऐलान किया था। लेकिन कई दलों ने इससे हाथ पिछे खींच लिया है। तेलंगाना राष्ट्र समिति और आम आदमी पार्टी ने इस मीटिंग में आने से साफतौर पर मना कर दिया। लेकिन वहीं आम आदमी पार्टी ने यह कहा कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद ही वो कोई विचार कर पाएगी।

वही तेलंगाना के मुख्यमंत्री और TRS चीफ के. चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस द्वारा बुलाए जाने पर विरोध प्रकट करते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ मंच साझा करने का सवाल ही नहीं उठता है।

ममता बनर्जी ने 15 जून को गैर बीजेपी दलों की बैठक का ऐलान किया था। लेकिन इसके बाद से ही कई पार्टियां पीछे हटती हुई नजर आ रही है। ममता बनर्जी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रही हैं, ताकि बीजेपी की मुश्किलों को बढ़ा सकें।

माना जा रहा है कि जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और G-23 समूह के नेता गुलाम नबी आजाद के नाम भी राष्ट्रपति पद के लिए सामने आ रहे हैं। लेकिन एक और नाम काफी सुर्खियों में था और वो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार का था।

लेकिन 13 जून को NCP के कैबिनेट मेंबर्स की मीटिंग में शरद पवार ने यह कहकर सबको निराश कर दिया कि वो दौड़ में शामिल नहीं हैं। पवार ने कहा-“मैं राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार नहीं बनूंगा।”

शरद पवार द्वारा दिए गए इस बयान ने विपक्ष को पहले ही तगड़ा झटका दिया था, अब TRS और AAP के पीछे हटने से ममता बनर्जी की मुहिम और कमजोर पड़ती दिख रही है। आपको बता दें कि बैठक से पहले मंगलवार को ममता बनर्जी ने दिल्ली में NCP प्रमुख शरद पवार से उनके घर जाकर मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक चर्चा हुई।

वहीं आपको यह भी बता दें कि ममता बनर्जी के इस बैठक पर बहुत से नेताओं ने अपने-अपने विचार रखे है।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, ने कहा कि इस बैठक में बहुत से बड़े नेता शामिल नहीं हो रहे हैं लेकिन हम इस बैठक में जा रहे हैं, क्योंकि हमारा मकसद भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ना है और लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें जो करना होगा हम वो करेंगे।

वहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मुझे नहीं बुलाया गया है,अगर बुलाया जाता तो भी मैं नहीं जाता, इसकी वजह कांग्रेस है। हमें खरी खोटी सुनाने वाली TMC बुलाती तो हम इसलिए नहीं जाते, क्योंकि उन्होंने बैठक में कांग्रेस को बुलाया है।


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