दिल्ली के विधायकों कि जल्द ही बढ़ेगी तनख्वाह 54 के जगह अब मिलेगी 90 हजार।
चलिए जानते हैं, कौन से राज्य में विधायकों को कितनी मिलती है तनख्वाह और इसके साथ ही यह भी जानेंगे किस राज्य के विधायकों की सैलरी सबसे अधिक और कहां सबसे कम हैं।
लेकिन उससे पहले आपको ये बता दें, कि देश की राजधानी दिल्ली में विधायकों की तनख्वाह बढ़ाने को लेकर बात की जा रही थी और अब सहमति बन चुकी है और अब जल्द ही दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह 54 हजार कि जगह 90 हजार कर दी जाएगी।
विधायकों की सैलरी बढ़ाने के मामले पर दिल्ली सरकार की भी यही मानना है कि यह अब भी बाकी दूसरे राज्यों के मुकाबले दिल्ली के विधायकों की सैलरी कम है। अब ऐसे में आपको यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है,कि आखिर किस राज्य के विधायक को कितनी तनख्वाह मिलती है।
ऐसा आपको लगता होगा की सभी राज्यों के विधायकों की सैलरी एक समान होगी, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। सभी राज्यों में विधायकों को अलग- अलग तनख्वाह मिलती है।
वहीं अगर यह देखा जाए कि भारत के किस राज्य के विधायकों को सबसे ज्यादा तनख्वाह मिलती तो इस मामले में तेलंगाना सबसे उपर है और इसके विधायकों की सैलरी दूसरे राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक है। इस राज्य में विधायकों की सैलरी और अलाउंसेज को मिलाकर प्रति माह 2.50 लाख रुपये सैलरी मिलती है।
वहीं दूसरी ओर सबसे कम तनख्वाह त्रिपुरा के विधायकों को मिलती है। त्रिपुरा में विधायकों को प्रतिमाह तकरीबन 34 हजार रुपये ही तनख्वाह मिलती है।
तनख्वाह के अलावा विधायकों को कई दूसरी सुविधाएं भी मिलती हैं। विधायक निधि तो है ही साथ ही सरकारी आवास, मेडिकल सुविधा, विधायक के कार्यकाल समाप्त होने के बाद पेंशन, एक व्यक्ति के साथ रेल यात्रा फ्री पास आदि की सुविधा भी मिलती है।
वहीं तेलंगाना के बाद वेतन के हिसाब से यूपी का दुसरा नंबर आता है। उत्तर प्रदेश में विधायकों की सैलरी प्रतिमाह 2 लाख10 हजार रुपये है। वहीं इस सूची में इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है जहां एमएलए की सैलरी एक लाख 70 हजार रुपये है। गुजरात में विधायकों की सैलरी 1 लाख 16 हजार रुपये महीना है। वहीं बात की जाए बिहार की तो यहां विधायकों का वेतन एक लाख 14 हजार रुपये प्रतिमाह है।
वहीं कई साल बाद दिल्ली में विधायकों की सैलरी बढ़ाने के मांग को मिल चुकी है मंजूरी। कई सालों से दिल्ली में विधायकों की सैलरी बढ़ाने का मामला लटका था, जिसपर अब सहमति बनती नजर आ रही है।
ऐसी सूचना है कि विधायकों की सैलरी में बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली विधानसभा में बिल पेश करने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अग्रिम मंजूरी मिल गई है।
विधायकों की सैलरी से जुड़ा बिल अब दिल्ली विधानसभा में पास किया जाएगा और उसके बाद सैलरी बढ़ोतरी को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है। आपको बता दें कि विधायकों की सैलरी 54 हजार से बढ़कर 90 हजार हो जाएगी।
दिल्ली के विधायकों के वेतन और भत्तों को आखिरी बार 2011 में संशोधित किया गया था। 2015 में भारी जनादेश के साथ चुने जाने के बाद, AAP विधायकों ने अपने वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि की मांग करते हुए तर्क दिया था कि मौजूदा वेतन उनके परिवार और कार्यालयों को चलाने के लिए पर्याप्त नहीं थे। आप सरकार ने तब लोकसभा के पूर्व महासचिव पी डी टी आचार्य की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसने 400% बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था।