गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटने के फैसले पर आपस में भिड़ी दो पार्टियां……….
बीसीसीआई अध्यक्ष पद से भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के हटने के फैसले से टीएमसी के सांसद ने भारतीय जनता पार्टी पर लगाया गंभीर आरोप इतना ही नहीं टीएमसी और बीजेपी में एक बार फिर छिड़ा युद्ध, दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप…..
सौरव गांगुली के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी कि बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हटने की खबरों के बीच बंगाल में राजनीतिक युद्ध शुरू हो चुका है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की जगह रोजर बिन्नी ले सकते हैं….
हालांकि जैसे ही यह खबर सामने आई उसके बाद, तृणमूल कांग्रेस ने ये आरोप लगाया है कि यह कदम गांगुली के खिलाफ एक तरह से राजनीतिक प्रतिशोध है. बता दें कि भारत की 1983 की विश्व कप विजेता टीम के नायक रहे रोजर बिन्नी का सौरव गांगुली की जगह भारतीय क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष बनना लगभग तय हो गया है…..
इसके साथ ही आपको ये भी बता दे कि सौरव गांगुली पिछले तीन वर्षों से बीसीसीआई अध्यक्ष हैं और वह 18 अक्टूबर को होने वाली बोर्ड की वार्षिक आम बैठक में बिन्नी के लिए अपना अध्यक्ष पद छोड़ देंगे. वही गांगुली के हटने की खबरों पर टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने ट्विटर के जरिए कहा कि अमित शाह के बेटे अपने पद पर बरकरार रह सकते हैं लेकिन गांगुली नहीं..
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उन्होंने लिखा, “राजनीतिक प्रतिशोध का एक और उदाहरण, अमित शाह के बेटे को BCCI के सचिव के रूप में बरकरार रखा जा सकता है. लेकिन गांगुली को अध्यक्ष पद पर नहीं रखा जा सकता. क्या इसलिए कि वह पश्चिम बंगाल राज्य से हैं या वे भाजपा में शामिल नहीं हुए?
इसके बाद उन्होंने मीडिया को इंटरव्यू देते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस साल मई में रात के खाने के लिए गांगुली के आवास पर आए थे. उन्होंने कहा कि शाह ने गांगुली को कई बार भाजपा में शामिल होने के लिए कहा था. वह चाहते थे कि गांगुली पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ चेहरा बनें….
आगे उन्होंने कहा कि गांगुली की अध्यक्षता इसलिए छीन ली गई क्योंकि उन्होंने अमित शाह के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. “यह केवल राजनीतिक रूप से प्रभावित कार्य नहीं है बल्कि खेलों का सस्ता भगवाकरण है. भाजपा ने अपने नेताओं के परिवार के सदस्यों के लिए सभी शीर्ष प्रबंधकीय पद आरक्षित किए हैं…”
वहीं बीजेपी पर लगे आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “मुझे नहीं पता कि शांतनु सेन या उनकी पार्टी ने सौरव गांगुली की किसी तरह से मदद की या नहीं. टीएमसी राजनीति करने की आदी है और वे इसे जारी रखे हुए हैं..”
भाजपा के वरिष्ठ नेता और खड़गपुर से सांसद ने यह भी सवाल किया कि क्या रोजर बिन्नी कभी भाजपा से जुड़े थे? घोष ने कहा कि भाजपा को निशाना बनाने से पहले बंगाल सरकार को बंगाल में खेलों को पुनर्जीवित करने पर काम करना चाहिए…..
तकरीबन पिछले एक सप्ताह से चल रही गहमा गहमी के बाद आखिरकार यह फैसला किया गया कि बेंगलुरु के रहने वाले 67 वर्षीय बिन्नी बोर्ड के 36वें अध्यक्ष होंगे.. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई सचिव बने रहेंगे..
शाह इसके अलावा आईसीसी बोर्ड में गांगुली की जगह भी लेंगे.. बीसीसीआई पदाधिकारियों में शामिल एकमात्र कांग्रेसी राजीव शुक्ला बोर्ड के उपाध्यक्ष बने रहेंगे. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण सिंह धूमल अब इंडियन प्रीमियर लीग के चेयरमैन होंगे…….
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