करवाचौथ का व्रत कब और कैसे मनाते हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता हैं। और अंग्रेजी कैलेंडर से यह त्यौहार अक्टूबर के महीने में होता है। इस बार करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। कठिन व्रतों में से एक करवा चौथ का व्रत है,जो कि निर्जला रखा जाता है।
बता दें कि सुहागिन महिलाओं के लिए अगर सबसे खास कोई त्यौहार होता है तो वह करवा चौथ का व्रत है। महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु की कामना तथा अखंड सौभाग्यवती होने के लिए पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर करवा चौथ का व्रत रखती है।

करवा चौथ का निर्जला व्रत कुंवारी कन्याएं भी मनवांछित वर के लिए रखती है। इस दिन सभी व्रती महिलाएं पूरे विधि- विधान से माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा अर्चना करती है। तथा इसके बाद करवा चौथ व्रत की कथा सुनती है।

खास करके विवाहित महिलाओं के लिए इस व्रत का काफी महत्व है। महिलाएं हफ्तों पहले से व्रत की तैयारियां शुरू कर देती है। हर छोटी से बड़ी चीजों की खरीदारी काफी बारीकी से करती है। पूजा की सामग्री से लेकर करवा चौथ के दिन क्या पहनना है आदि की तैयारियां करने लगती है।

क्या है करवा चौथ व्रत की विधि:-

करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर सरगी खाकर फिर पूरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है। पूरे दिन ना तो कुछ खा सकते हैं और पानी भी नहीं पी सकते हैं। इसके बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के पश्चात पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ा जाता है।
करवा चौथ का व्रत ठीक दीपावली से 9 दिन पहले मनाया जाता है।

करवा चौथ व्रत की थाली के लिए कौन-कौन सी सामग्री है जरूरी

  • सबसे पहले करवा चौथ की थाली
  • मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्कन
  • छलनी, दीपक,रोली,अक्षत,सिंदूर, रुई की बत्ती,चंदन और कुमकुम
  • फल, फूल, मिठाई और मेवे
  • कच्चा दूध,दही,घी और शहद
  • नमकीन मठ्ठियां, मीठी मठ्ठियां, चीनी का करवा और चीनी
  • आटे का दीया,गंगाजल,तांबा या स्टील का लोटा,लकड़ी का आसन, आठ पुरियों की अठावरी और हलवा
  • गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, कांस की तिलियां और करवा चौथ व्रत की कैलेंडर
  • अंत में दक्षिणा

करवा चौथ से जुड़ी श्रृंगार की चीजें

  • सिंदूर, बिंदी, मेहंदी और मंगलसूत्र
  • लाल रंग के कपड़े,चूड़ियां, काजल और बिछिया
  • नथनी,पायल,मांग टीका और कमरबंद
  • कर्णफूल, बाजूबंद,अंगूठी और गजरा

करवा चौथ के व्रत के लिए यह सभी चीजें काफी महत्वपूर्ण हैं।

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