एक और राज्य में दलित सीएम की तैयारी में कांग्रेस…

कांग्रेस इन दिनों राजनीति में नया प्रयोग कर रही है. पंजाब में कद्दावर नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम की कुर्सी से हटाकर एक दलित सिक्ख नेता सरदार चरनजीत सिंह चन्नी को सीएम बना दिया. कांग्रेस को इसका फायदा भी नजर आने लगा है. देश भर के दलितों में कांग्रेस ने अच्छा संदेश दिया है तो पंजाब की भी 32 प्रतिशत दलित आबादी में कांग्रेस के प्रति नजरिया बदला है.

अब कांग्रेस अपनी नई रणनीति के तहत उत्तराखंड में भी दलित सीएम का दांव चलने जा रही है. उत्तराखंड के सबसे बड़े दलित नेता यशपाल आर्य बीजेपी छोड़कर अपने पुराने घर कांग्रेस में वापस आ चुके हैं. यशपाल आर्य का कांग्रेस में वापस जाना बीजेपी के लिए एक बड़े झटके की तरह है. उत्तराखंड में कुल दलित आबादी 18 प्रतिशत के आसपास है. यशपाल आर्य के बीजेपी में जाने की वजह से यह वोट पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ ही चला गया था और कांग्रेस की झोली खाली रह गई थी.

इस पहाड़ी राज्य के सबसे बड़े कांग्रेसी नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने खुद इच्छा व्यक्त की है कि वो किसी दलित नेता को इस देवभूमि के सीएम के तौर पर देखने की इच्छा रखते हैं. मालूम हो कि हर चुनावी सर्वे में हरीश रावत को ही इस प्रदेश का सबसे लोकप्रिय नेता बताया गया है. इसके बावजूद वह किसी दलित सीएम की पैरवी निश्चित तौर पर आलाकमान के इशारे पर ही कर रहे हैं.

वहीं कांग्रेस जिस तरह से खुलकर दलित पॉलिटिक्स का खेल खेल रही है, वह भाजपा और बसपा को एक साथ धूल चटाने की रणनीति है. पंजाब में दलित सीएम बनाकर बसपा और अकाली दल के गठबंधन के सपने को एक झटके में ध्वस्त करने वाली कांग्रेस अब पंजाब वाला फॉर्मूला उत्तराखंड में लागू करना चाहती है. कांग्रेस की मंशा है कि इस पहाड़ी राज्य में दलित सीएम की घोषणा पड़ोसी उत्तर प्रदेश की राजनीति को भी प्रभावित करेगा.

यहां यह बात जाननी भी जरुरी है कि उत्तराखंड में विधानसभा की 12 सीटें दलितों के लिए आरक्षित हैं. इसके साथ ही राज्य की 70 में से 22 सीटों पर जीत हार का निर्णय दलित वोटर ही करते हैं. पंजाब में दलित सीएम देखकर उत्तराखंड के दलितों में उम्मीद जगी है कि अब इस प्रदेश में भी हमारे समुदाय का सीएम होगा.

पूर्व सीएम हरीश रावत के दलित सीएम के ऐलान के बाद जहां राज्य में दलितों में कांग्रेस के प्रति उत्साह बढ़ा है तो वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड प्रभारी चौधरी वीरेंद्र सिंह ने भी खुलकर कह दिया है कि यह सच है कि अगर राज्य में कांग्रेस सत्ता में लौटी तो कोई दलित ही इस राज्य का नया सीएम होगा….

यह भी पढ़े : पंजाब CM चन्नी और यूपी CM योगी आमने सामने, सिक्ख वोट की राजनीति शुरु

Leave a Reply